कश्मीरः स्कूल तो खुले पर बच्चे नहीं आए
समाचार एजेंसी पीटीआई ने अधिकारियों के हवाले से बताया है कि सोमवार को भारत प्रशासित कश्मीर के श्रीनगर में 190 सरकारी प्राथमिक विद्यालयों को खोला गया है.
श्रीनगर में मौजूद बीबीसी संवाददाता रियाज़ मसरूर ने बताया है कि शनिवार को सरकार ने कहा था कि सोमवार से आठवीं कक्षा तक सभी स्कूल खोले जाएंगे लेकिन रविवार शाम में कई जगहों पर पत्थरबाज़ी की घटनाओं के बाद सिर्फ़ पांचवीं कक्षा तक के स्कूल खोलने के आदेश दिए गए.
उन इलाक़ों के स्कूल खोले गए थे, जहां की स्थिति सामान्य समझी जा रही थी और प्रतिबंध कमोबेश हटा लिए गए हैं.
रियाज़ ने बताया कि आज श्रीनगर में सुबह सड़कों पर स्कूल बसें नज़र नहीं आईं और जब उन्होंने छात्रों के परिजनों से बात की तो उन्होंने बताया कि पांचवीं कक्षा तक के बच्चों की आयु 10 साल से कम ही होती है जिसके लिए स्कूल और बस ड्राइवर से संपर्क होना ज़रूरी है इसलिए उन्होंने बच्चों को स्कूल नहीं भेजा है.
उन्होंने बताया, "हम श्रीनगर के जाने-माने स्कूलों में गए. जहां पहले हमें अंदर जाने नहीं दिया गया. सिक्यूरिटी गार्ड से बात करने पर स्कूल के अंदर घुस पाया, जहां हमारी बात वहां के शिक्षकों से हुई. शिक्षकों का कहना है कि शिक्षक तो स्कूल पहुंच गए हैं लेकिन बच्चे नहीं आए हैं."
आमिर को शिक्षकों ने बताया कि दो-तीन बच्चे आए थे, जब उन्होंने देखा कि कोई नहीं आया है तो वे भी घर वापस चले गए.
इसके बाद आमिर एक दूसरे स्कूल भी गए, जहां के सिक्यूरिटी गार्ड ने बताया, "बच्चे स्कूल पहुंचे ही नहीं हैं. स्कूल बसें बच्चों को लाने तो गई थीं पर वो खाली लौट आईं."
समाचार एजेंसी पीटीआई ने भी बताया है कि कक्षाओं में शिक्षक तो पहुंचे लेकिन वहां छात्रों की संख्या बेहद कम थी.
वहीं, एक अन्य समाचार एजेंसी एएनआई ने बताया है कि घाटी में अभी भी हाई स्कूल, हायर सेकेंडरी स्कूल और सभी डिग्री कॉलेज बंद हैं लेकिन जम्मू में सभी स्कूल खुले हुए हैं.
श्रीनगर में मौजूद बीबीसी संवाददाता रियाज़ मसरूर ने बताया है कि शनिवार को सरकार ने कहा था कि सोमवार से आठवीं कक्षा तक सभी स्कूल खोले जाएंगे लेकिन रविवार शाम में कई जगहों पर पत्थरबाज़ी की घटनाओं के बाद सिर्फ़ पांचवीं कक्षा तक के स्कूल खोलने के आदेश दिए गए.
उन इलाक़ों के स्कूल खोले गए थे, जहां की स्थिति सामान्य समझी जा रही थी और प्रतिबंध कमोबेश हटा लिए गए हैं.
रियाज़ ने बताया कि आज श्रीनगर में सुबह सड़कों पर स्कूल बसें नज़र नहीं आईं और जब उन्होंने छात्रों के परिजनों से बात की तो उन्होंने बताया कि पांचवीं कक्षा तक के बच्चों की आयु 10 साल से कम ही होती है जिसके लिए स्कूल और बस ड्राइवर से संपर्क होना ज़रूरी है इसलिए उन्होंने बच्चों को स्कूल नहीं भेजा है.
उन्होंने बताया, "हम श्रीनगर के जाने-माने स्कूलों में गए. जहां पहले हमें अंदर जाने नहीं दिया गया. सिक्यूरिटी गार्ड से बात करने पर स्कूल के अंदर घुस पाया, जहां हमारी बात वहां के शिक्षकों से हुई. शिक्षकों का कहना है कि शिक्षक तो स्कूल पहुंच गए हैं लेकिन बच्चे नहीं आए हैं."
आमिर को शिक्षकों ने बताया कि दो-तीन बच्चे आए थे, जब उन्होंने देखा कि कोई नहीं आया है तो वे भी घर वापस चले गए.
इसके बाद आमिर एक दूसरे स्कूल भी गए, जहां के सिक्यूरिटी गार्ड ने बताया, "बच्चे स्कूल पहुंचे ही नहीं हैं. स्कूल बसें बच्चों को लाने तो गई थीं पर वो खाली लौट आईं."
समाचार एजेंसी पीटीआई ने भी बताया है कि कक्षाओं में शिक्षक तो पहुंचे लेकिन वहां छात्रों की संख्या बेहद कम थी.
वहीं, एक अन्य समाचार एजेंसी एएनआई ने बताया है कि घाटी में अभी भी हाई स्कूल, हायर सेकेंडरी स्कूल और सभी डिग्री कॉलेज बंद हैं लेकिन जम्मू में सभी स्कूल खुले हुए हैं.
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