इंग्लैंड के लिए फील्डिंग करने उतरना पड़ा पॉल कॉलिंगवुड को
इंग्लैंड में शुरू होने वाले क्रिकेट विश्व कप से पहले मेज़बान टीम के चोटिल खिलाड़ियों की सूची लगातार बढ़ती जा रही है.
शनिवार को इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए अभ्यास मैच में इंग्लैड के चोटिल खिलाड़ियों का आलम यह हो गया कि मैदान पर टीम के पूर्व कप्तान पॉल कॉलिंगवुड को उतरना पड़ा.
शनिवार को गेंदबाज़ी करते हुए पहले तो तेज़ गेंदबाज़ मार्क वुड चोटिल हुए उसके बाद टीम के दूसरे पेसर जोफ़्रा आर्चर को भी चोट लग गई.
मार्क वुड अच्छी गेंदबाज़ी कर रहे थे और उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के कप्तान एरॉन फ़िंच का विकेट भी चटका दिया था.
लेकिन अपने चौथे ओवर में रन-अप के दौरान वुड के पैर में कुछ खिचांव आया और वो पैवेलियन की तरफ़ लौट गए.
इसके बाद वुड के स्थान पर जोफ्ऱा आर्चर को मैदान में भेजा गया, हालांकि वो ख़ुद पहले से चोटिल थे और उनकी जगह टीम के टेस्ट कप्तान जो रूट फ़ील्डिंग कर रहे थे.
कुछ गेंदों के बाद आर्चर को भी अपने टखने में दर्द महसूस हुआ और वो भी मैदान से बाहर चले गए.
इंग्लैंड के कप्तान इयोन मोर्गन पहले से ही अपनी उंगली में फ़्रेक्चर के कारण बेंच पर बैठने को मजबूर हैं, जबकि आदिल रशीद के कंधे में समस्या है.
इतने खिलाड़ियों के चोटिल हो जाने के बाद इंग्लैंड की बेंच पर कोई अतिरिक्त खिलाड़ी बचा ही नहीं जिसे मैदान में फ़ील्डिंग के लिए भेजा जा सके.
पारी के 10वें ओवर में टीम के ऐसे हालात देखते हुए टीम के फ़ील्डिंग कोच पॉल कॉलिंगवुड ने मार्क वुड की जर्सी पहनी और वो मैदान पर फ़ील्डिंग के लिए उतर गए.
कॉलिंगवुड पिछले साल क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास ले चुके हैं. फ़िलहाल वो इंग्लैंड टीम के फ़ील्डिंग कोच के तौर पर काम कर रहे हैं.
रविवार को कॉलिंगवुड का 43वां जन्मदिन है. इससे एक दिन पहले उन्हें दोबारा मैदान पर उतरने का मौक़ा मिला और उन्होंने इस पल को भरपूर तरीक़े से जिया.
फ़ील्डिंग करने के बाद कॉलिंगवुड ने ट्वीट किया और लिखा, ''अपने 43वें जन्मदिन से एक दिन पहले मुझे इंग्लैंड क्रिकेट टीम की तरफ़ से कुछ ओवर के लिए मैदान में उतरने का मौक़ा मिला. यह भले ही सबसे बेहतरीन उपहार ना हो लेकिन निश्चित तौर पर यह बुरा भी नहीं था.''
हालांकि, कॉलिंगवुड के मैदान में फ़ील्डिंग करने पर कुछ लोगों ने सवाल भी उठाए हैं. लोग पूछ रहे हैं कि क्या यह आईसीसी के नियमों का उल्लंघन नहीं है. कोई ऐसा खिलाड़ी जो 15 सदस्यीय दल का हिस्सा ही नहीं है वह मैदान पर फ़ील्डिंग के लिए कैसे आ सकता है.
आईसीसी के विश्व कप के लिए जारी नियमों के मुताबिक़ 15 सदस्यीय दल के बाहर के किसी भी शख़्स को सब्सिट्यूट खिलाड़ी के तौर पर मैदान में नहीं उतारा जा सकता, लेकिन अभ्यास मैचों में यह नियम लागू नहीं होता.
यही वजह है कि कॉलिंगवुड पूर्व खिलाड़ी और कोच होने के बावजूद फ़ील्डिंग करने उतर गए. वैसे इंग्लैंड टीम के चोटिल खिलाड़ियों को देखते हुए टीम के हालात बहुत अच्छे नहीं लग रहे हैं.
शनिवार को खेले गए अभ्यास मैच में इंग्लैंड को ऑस्ट्रेलिया के हाथों 12 रन से हार झेलनी पड़ी.
शनिवार को इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए अभ्यास मैच में इंग्लैड के चोटिल खिलाड़ियों का आलम यह हो गया कि मैदान पर टीम के पूर्व कप्तान पॉल कॉलिंगवुड को उतरना पड़ा.
शनिवार को गेंदबाज़ी करते हुए पहले तो तेज़ गेंदबाज़ मार्क वुड चोटिल हुए उसके बाद टीम के दूसरे पेसर जोफ़्रा आर्चर को भी चोट लग गई.
मार्क वुड अच्छी गेंदबाज़ी कर रहे थे और उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के कप्तान एरॉन फ़िंच का विकेट भी चटका दिया था.
लेकिन अपने चौथे ओवर में रन-अप के दौरान वुड के पैर में कुछ खिचांव आया और वो पैवेलियन की तरफ़ लौट गए.
इसके बाद वुड के स्थान पर जोफ्ऱा आर्चर को मैदान में भेजा गया, हालांकि वो ख़ुद पहले से चोटिल थे और उनकी जगह टीम के टेस्ट कप्तान जो रूट फ़ील्डिंग कर रहे थे.
कुछ गेंदों के बाद आर्चर को भी अपने टखने में दर्द महसूस हुआ और वो भी मैदान से बाहर चले गए.
इंग्लैंड के कप्तान इयोन मोर्गन पहले से ही अपनी उंगली में फ़्रेक्चर के कारण बेंच पर बैठने को मजबूर हैं, जबकि आदिल रशीद के कंधे में समस्या है.
इतने खिलाड़ियों के चोटिल हो जाने के बाद इंग्लैंड की बेंच पर कोई अतिरिक्त खिलाड़ी बचा ही नहीं जिसे मैदान में फ़ील्डिंग के लिए भेजा जा सके.
पारी के 10वें ओवर में टीम के ऐसे हालात देखते हुए टीम के फ़ील्डिंग कोच पॉल कॉलिंगवुड ने मार्क वुड की जर्सी पहनी और वो मैदान पर फ़ील्डिंग के लिए उतर गए.
कॉलिंगवुड पिछले साल क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास ले चुके हैं. फ़िलहाल वो इंग्लैंड टीम के फ़ील्डिंग कोच के तौर पर काम कर रहे हैं.
रविवार को कॉलिंगवुड का 43वां जन्मदिन है. इससे एक दिन पहले उन्हें दोबारा मैदान पर उतरने का मौक़ा मिला और उन्होंने इस पल को भरपूर तरीक़े से जिया.
फ़ील्डिंग करने के बाद कॉलिंगवुड ने ट्वीट किया और लिखा, ''अपने 43वें जन्मदिन से एक दिन पहले मुझे इंग्लैंड क्रिकेट टीम की तरफ़ से कुछ ओवर के लिए मैदान में उतरने का मौक़ा मिला. यह भले ही सबसे बेहतरीन उपहार ना हो लेकिन निश्चित तौर पर यह बुरा भी नहीं था.''
हालांकि, कॉलिंगवुड के मैदान में फ़ील्डिंग करने पर कुछ लोगों ने सवाल भी उठाए हैं. लोग पूछ रहे हैं कि क्या यह आईसीसी के नियमों का उल्लंघन नहीं है. कोई ऐसा खिलाड़ी जो 15 सदस्यीय दल का हिस्सा ही नहीं है वह मैदान पर फ़ील्डिंग के लिए कैसे आ सकता है.
आईसीसी के विश्व कप के लिए जारी नियमों के मुताबिक़ 15 सदस्यीय दल के बाहर के किसी भी शख़्स को सब्सिट्यूट खिलाड़ी के तौर पर मैदान में नहीं उतारा जा सकता, लेकिन अभ्यास मैचों में यह नियम लागू नहीं होता.
यही वजह है कि कॉलिंगवुड पूर्व खिलाड़ी और कोच होने के बावजूद फ़ील्डिंग करने उतर गए. वैसे इंग्लैंड टीम के चोटिल खिलाड़ियों को देखते हुए टीम के हालात बहुत अच्छे नहीं लग रहे हैं.
शनिवार को खेले गए अभ्यास मैच में इंग्लैंड को ऑस्ट्रेलिया के हाथों 12 रन से हार झेलनी पड़ी.
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